भाई - भाई लड़ रहे और किसान है भ्रष्टाचार का बोलबाला मानवता का मुँह है आज काला। भाई - भाई लड़ रहे और किसान है भ्रष्टाचार का बोलबाला मानवता का मुँह है आज का...
हे मातृभूमि है देवभूमि तुमको शत-शत नमन हो, वीरों की यह धरती तुम को शत शत नमन हो। हे मातृभूमि है देवभूमि तुमको शत-शत नमन हो, वीरों की यह धरती तुम को शत शत नमन ...
प्राणी प्राण में परमेश्वर का सत्य सत्यार्थ बुद्ध का दिव्य दिव्यार्थ। प्राणी प्राण में परमेश्वर का सत्य सत्यार्थ बुद्ध का दिव्य दिव्यार्थ।
कवि: मिखाईल लेरमेंतोव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास कवि: मिखाईल लेरमेंतोव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास
गहे तुम्हारी शरण जो, करते उसे निहाल। गहे तुम्हारी शरण जो, करते उसे निहाल।
आसमाँ तू कब तरस कर मेरे शहर पर रहम बरसाएगा। आसमाँ तू कब तरस कर मेरे शहर पर रहम बरसाएगा।